Kashmir Files Controversy: कश्मीर फाइल्स पर विवादित बयानबाजी को लेकर इजराइल राजदूत ने IFFI के जूरी हेड को लगाई लताड़, भारत सरकार से मांगी माफी
Kashmir Files Controversy: कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) जब सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी तो चारों ओर बवाल मच गया था। ये फिल्म एक बार फिर से चर्चे में आ गई है। फिल्म को रिलीज हुए 9 महीने हो चुके हैं लेकिन इसका विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हाल ही में गोवा में आयोजित हुए 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (आईएफएफआई) ने कश्मीर फाइल्स पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इजराइली फिल्म मेकर नादव लैपिड के ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) को अश्लील और प्रोपेगेंडा वाली फिल्म बता डाला है। लैपिड ने कहा कि फिल्म का प्रदर्शन किए जाने से मैं “परेशान और हैरान” हूं। हम सब ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म से परेशान और हैरान हैं। यह हमें एक दुष्प्रचार वाली और भद्दी फिल्म की तरह लगी जो इतने प्रतिष्ठित फिल्म समारोह के एक कलात्मक और प्रतिस्पर्धी खंड के लिए अनुपयुक्त थी। लैपिड ने कहा, मैं इस भावना को आपके साथ खुले तौर पर साझा करने में सहज महसूस कर रहा हूं क्योंकि महोत्सव की भावना वास्तव में आलोचनात्मक चर्चा को स्वीकार कर सकती है जो कला और जीवन के लिए जरूरी है।
लैपिड के इस बयान पर इजराइल राजदूत ने IFFI के जूरी हेड को फटकार लगाते हुए भारत सरकार से माफी मांगी है। उन्होंने लैपिड को एक पत्र लिखा ये पत्र हिब्रू में नहीं क्योंकि वो चाहते हैं कि सभी भारतीय इस पत्र को पढ़ सकें। उन्होंने लिखा, आपको शर्म आनी चाहिए। भारतीय संस्कृति में मेहमान को भगवान कहा जाता है। आपने IFFI Goa में जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के लिए भारतीय निमंत्रण के साथ-साथ उनके भरोसे, सम्मान और गर्मजोशी भरे स्वागत का सबसे खराब तरीके से दुरुपयोग किया है। हमारे भारतीय मित्रों ने भारत में इजराइल के प्रति प्रेम दिखाने के लिए हमें बुलाया था। शायद यही वह है कि उन्होंने आपको एक इजराइली और मुझे इजराइल के राजदूत के तौर पर आमंत्रित किया था।
वहीं कश्मीर फाइल्स के लीड एक्टर अनुपम खेर ने भी नादव लैपिड के इस बयान पर जमकर आलोचना की। अनुपम खेर ने कहा, एक यहूदी समुदाय से आने वाले, जिसने प्रलय का सामना किया, उसने उन लोगों को भी पीड़ा दी, जिन्होंने कई साल पहले इस त्रासदी को झेला था। ईश्वर उसे सद्बुद्धि दे ताकि वह मंच से हजारों-लाखों लोगों की त्रासदी को अपने एजेंडे को पूरा करने के लिए इस्तेमाल न करें। हम माकूल जवाब देंगे। प्रलय सही है तो कश्मीरी पंडितों का पलायन भी सही है। टूलकिट गिरोह के सक्रिय होने के तुरंत बाद पूर्व नियोजित लगता है। उनके लिए इस तरह का बयान देना शर्मनाक है। इसके साथ ही अनुपम खेर ने ट्वीट कर लिखा, झूठ का कद कितना भी ऊंचा क्यों ना हो। सत्य के मुकाबले में हमेशा छोटा ही होता है।
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