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मैं अभी 12वीं क्लास में हूई हूं, इतनी कम उम्र में मेरे पिता ने मुझे सुहागरात मनाने के लिए मजबूर किया

 
12 class

 मैं एक नाबालिक लड़की हूं। मैं फिलहाल क्लास 12वीं में पढ़ रही हूं। मेरी समस्या यह है कि मेरी लाइफ में कुछ भी अच्छा नहीं चल रहा है। 

दरअसल, मैं अपनी जिंदगी में सब कुछ हार चुकी हूं। ऐसा इसलिए क्योंकि मेरे पिता मेरी पढ़ाई के खिलाफ हैं। वह नहीं चाहते कि मैं आगे पढ़ लिखकर कुछ बनूं। 

उन्हें लगता है कि लड़की की शादी हो और वह जल्द से जल्द अपना घर-परिवार संभाले।

हालांकि, मैं आगे पढ़ना चाहती हूं। मैं भी दूसरी लड़कियों की तरह अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती हूं। 

लेकिन मेरे माता-पिता इस चीज को लेकर बिल्कुल भी सपोर्टिव नहीं है। उनकी इस जिद को देखते हुए कभी-कभार मेरे मन में सुसाइड करने के ख्याल भी आते हैं।

शायद ऐसा इसलिए भी क्योंकि मेरे साथ जो हो रहा है, उसे सहने की अब मेरे अंदर बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है। हालांकि, उनकी बदनामी के डर से मैं ऐसा कोई कदम नहीं उठा पाती। 

मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं अपने पेरेंट्स को कैसे समझाऊं कि मैं शादी नहीं बल्कि आगे पढ़ना चाहती हूं। (सभी तस्वीरें सांकेतिक हैं, हम यूजर्स द्वारा शेयर की गई स्टोरी में उनकी पहचान गुप्त रखते हैं)

माता-पिता की भावनाओं को समझें

जैसा कि आपने बताया कि आपके पैरेंट्स आपकी शादी कराना चाहते हैं। वह आपको आगे पढ़ाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हैं। 

ऐसे में मैं यही कहूंगी कि सबसे पहले अपने माता-पिता की भावनाओं को जानने की कोशिश करें कि आखिरकार उन्हें आपकी पढ़ाई से दिक्कत क्या है। ऐसा इसलिए क्योंकि कोई भी पैरेंट्स अपने बच्चों का बुरा नहीं चाहते हैं।

वह जो कुछ भी करते हैं, उसके पीछे एक न एक ठोस वजह जरूर होती है। यही नहीं, आपको यह समझने की भी जरूरत है कि आप और आपके पैरेंट्स एक ही कस्ती में संवार हैं। 

वह जो कुछ भी कर रहे हैं, उसमें कहीं न कहीं आपकी भलाई छिपी है। हो सकता है कि ऐसी कोई बात हो, जो वह आपको नहीं बता रहे हों। उनका उद्देश्य आपको नुकसान पहुंचाना बिल्कुल भी नहीं है। 

पैरेंट्स से बात करना रहेगा सही

आपकी सभी बातों को सुनने के बाद मैं केवल आपसे यही कहना चाहूंगी कि अपने माता-पिता से हर एक विषय पर खुलकर बात करें। 

उन्हें बताएं कि आपने अपने करियर के लिए क्या कुछ सोच रखा है। यही नहीं, इस दौरान उनसे जल्दी आपकी शादी कराने का कारण भी जानें।

साथ ही साथ उन्हें यह भी बताएं कि शादी जैसे बंधन में बंधने की अभी आपकी कोई मर्जी नहीं है। अभी आप आगे पढ़-लिख और जॉब करके खुद के पैरों में खड़ा होना चाहती हैं। 

हालांकि, इस दौरान एक बात का ध्यान रखें कि पैरेंट्स से बात करते समय आपकी भाषा बहुत ही ज्यादा नरम हो। ऐसा इसलिए क्योंकि गुस्से में अक्सर बात बिगड़ जाती है। 

इससे आप कभी भी एक सही नतीजे पर नहीं पहुंच सकतीं। मेरी कहानी: मैं 38 साल की हूं, मैं जिस इंसान से शादी करने के सपने सजा रही थी, वह पहले से ही शादीशुदा निकला