जब यात्रियों समेत नदी में उतर गई थी पूरी ट्रेन... ये हैं इतिहास के सबसे खौफनाक पुल हादसे

30 अक्टूबर की देर शाम गुजरात के मोरबी में लच्छु नदी पर बना हैंगिंग ब्रिज टूटकर गिर गया जिसमें अब तक 141 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. प्रत्यक्षदर्शियों और बचावकर्मियों की मानें तो मरने वालों में बच्चों की एक बड़ी संख्या है. हादसे में कई लोग घायल हुए हैं और 177 लोगों को रेस्क्यू भी किया जा चुका है. रेनोवेशन के बाद ब्रिज को महज 5 दिन पहले खोला गया था जिसके चलते संबंधित अधिकारियों पर लापरवाही के आरोप लग रहे हैं. हालांकि, यह मौका पहला नहीं है. लापरवाही के चलते पुल हादसों में पहले भी मासूम लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. आपको बताते हैं बीते वर्षों के कुछ सबसे खौफनाक पुल हादसे...
कदलुंदी नदी पुल हादसा (केरल, 2001)
केरल में वर्ष 2001 में हुए कदलुंडी नदी रेल पुल हादसे में 50 से अधिक लोगों की जान गई थी. सबसे बड़ी ट्रेन दुर्घटनाओं में से एक इस हादसे में लगभग 300 लोग घायल हुए थे और कम से कम 57 लोगों की जान गई थी. ट्रेन केरल में कोझीकोड के पास कदलुंडी नदी पर पुल 924 को पार कर रही थी. जब एक डिब्बा टूट गया और ट्रेन पटरी से उतर गई. भारी मानसून और ट्रेन में ही कुछ खामियां के चलते ये हादसा हुआ था.
रफीगंज रेल पुल (बिहार, 2002)
10 सितंबर 2002 को तेज रफ्तार राजधानी एक्सप्रेस उत्तर-मध्य भारत में धावे नदी पर बने पुल पर पटरी से उतर गई थी. इस हादसे में तकरीबन 130 लोगों की मौत हो गई थी. शुरुआत में दुर्घटना का कारण पुराने पुल में जंग लगना बताया गया था मगर बाद में पता चला कि दुर्घटना इलाके के नक्सलियों द्वारा जानबूझकर की गई थी.
वलिगोंडा रेलवे ब्रिज (तेलंगाना, 2005)
अचानक आई बाढ़ के कारण हैदराबाद के निकट वेलिगोंडा में स्थित एक छोटा पुल बह गया. 29 अक्टूबर 2005 को एक ट्रेन पुल के इस हिस्से को पार कर रही थी. ट्रेन को जानकारी नहीं थी कि पुल का एक हिस्सा गायब है और यह ट्रेन अपने सवारों समेत पानी में उतरती चली गई. इस हादसे में लगभग 114 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए.
भागलपुर (बिहार, 2006)
हावड़ा जमालपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस पर दिसंबर 2006 में 150 साल पुराना एक ओवर ब्रिज गिर गया. इस घटना में लगभग 30 लोगों की मौत हो गई थी.
पंजागुट्टा पुल (तेलंगाना, 2007)
हैदराबाद के पंजागुट्टा में एक निर्माणाधीन फ्लाईओवर सितंबर 2007 में दुर्घटनाग्रस्त हो गया. पुल के नीचे से गुजरने वाले वाहनों पर फ्लाईओवर का मलबा गिरा जिससे कई लोग घायल हुए. हादसे में 15 लोगों की मौत भी हुई थी.
कोटा चंबल ब्रिज (राजस्थान, 2009)
दिसंबर 2009 में राजस्थान के कोटा जिले में चंबल नदी पर एक निर्माणाधीन पुल ढह गया जिससे मलबे में फंसे लगभग 28 मजदूरों की मौत हो गई थी. इस परियोजना के प्रभारी हुंडई और गैमन के 14 अधिकारियों के खिलाफ लापरवाही का मामला भी दर्ज किया गया था.
कोलकाता फ्लाईओवर (पश्चिम बंगाल, 2016)
31 मार्च 2016 को, कोलकाता में निर्माणाधीन विवेकानंद फ्लाईओवर गिर गया जिसमें 27 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और लगभग 80 घायल हो गए. कंस्ट्रक्शन फर्म, IVRCL के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था.
मुंबई-गोवा राजमार्ग पुल (महाराष्ट्र, 2016)
2 अगस्त 2016 की देर रात मुंबई-गोवा राजमार्ग पर सावित्री नदी पर ब्रिटिश काल के एक पुल के गिरने से लगभग 41 लोगों की मौत हो गई. तकरीबन एक दर्जन वाहन नदी में गिर गए जिसमें कई लोग घायल हुए थे.
मुंबई फुट ओवर ब्रिज, (महाराष्ट्र, 2017)
एलफिंस्टन रोड रेलवे स्टेशन पर एक फुट ओवर ब्रिज 29 सितंबर, 2017 को दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 29 यात्रियों की मौत हो गई थी.
माजेरहाट ब्रिज, कोलकाता (पश्चिम बंगाल, 2018)
कोलकाता में 04 सितंबर, 2018 को एक बड़ा पुल ढह गया. माजेरहाट ब्रिज, दक्षिण और दक्षिण-पश्चिम कोलकाता के बीच मुख्य कनेक्टर्स में से एक था. शाम के ट्रैफिक के भार के चलते पूरा पुल नीचे गिर गया, जिससे 3 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 20 लोग घायल हो गए.
पैदल यात्री पुल, मुंबई (महाराष्ट्र, 2019)
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस के बाहर एक ओवरहेड पैदल पुल का एक हिस्सा 14 मार्च, 2019 को दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए थे.