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बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-3 का सफल परीक्षण, ढाई मिनट में इस्लामाबाद पहुंच जाएगी ,12 मिनट मे चीन !

 
अग्नि 3

ओडिशा के अब्दुल कलाम व्हीलर आईलैंड पर Agni-3 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया. 11 साल हो चुके हैं इस मिसाइल को सेना में शामिल हुए. यह एक इंटरमीडिएट-रेंज की बैलिस्टिक मिसाइल है. जो परमाणु हथियार ले जाने में काफी  सक्षम है. हालांकि यह पारंपरिक और थर्मोबेरिक हथियारों से भी हमला कर सकती है. इसमें एक साथ कई टारगेट पर हमला करने वाली तकनीक MIRV जैसी ही समान टेक्नोलॉजी शामिल  है. 

Agni-3 मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत उसकी गति (Speed) है. लेकिन उससे पहले हम इसकी रेंज (Range) की बात कर लेते  हैं. इस मिसाइल की रेंज 3 से 5 हजार किलोमीटर बताई जा रही है. यानी हथियार का वजन कम या ज्यादा करके रेंज को बढ़ाया या कम भी  किया जा सकता है. 3 से 5 हजार किलोमीटर की रेंज यानी चीन का बहुत बड़ा हिस्सा, पूरा पाकिस्तान, पूरा अफगानिस्तान, हॉर्न ऑफ अफ्रीका, अरब देश, इंडोनेशिया, म्यांमार जैसे कई देश इसकी जद में हैं. यानी आप चारों तरफ अपनी सुरक्षा के लिए इस मिसाइल का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई जा रही अग्नि-3 बैलिस्टिक मिसाइल.

गणतंत्र दिवस परेड में दिखाई जा रही अग्नि-3 बैलिस्टिक मिसाइल.

Agni-3 मिसाइल की गति मैक 15 है. यानी 18,522 किलोमीटर प्रतिघंटा. ये डरावनी गति की है. यानी 5 से 6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड. इस गति में उड़ने वाली मिसाइल दुश्मन को सांस लेने या पलक झपकाने का भी मौका नहीं देती. 17 मीटर लंबी इस मिसाइल का वजन 50 हजार किलोग्राम है. कहते हैं कि एक अग्नि-3 मिसाइल बनाने में 25 से 35 करोड़ रुपये की लागत आती है. इसे 8x8 ट्रांसपोर्टर इरेक्टर लॉन्चर से छोड़ा जाता है. 

कुछ ही मिनटों में बीजिंग-इस्लामाबाद तबाह!

चीन की राजधानी बीजिंग की दिल्ली से हवाई दूरी 3791 किलोमीटर है. अग्नि-3 मिसाइल 5-6 किलोमीटर प्रति सेकेंड की स्पीड से चलती है. उस हिसाब से बीजिंग की दूरी 12.63 मिनट में पूरी हो जाएगी. पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की हवाई दूरी 679 किलोमीटर है. यहां तो अग्नि-3 मिसाइल मात्र ढाई मिनट में तहसनहस कर देगी  . 

आप खुद ही देख लीजिए Agni-3 मिसाइल की रेंज कहां तक है. (नक्शाः विकिपीडिया)

आप खुद ही देख लीजिए Agni-3 मिसाइल की रेंज कहां तक है. (नक्शाः विकिपीडिया)

सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता में इजाफा

अग्नि-3 मिसाइल समेत भारत के पास जितने भी परमाणु हथियार हैं, उनपर नीति एकदम साफ है. हम पहले हमला नहीं करेंगे. लेकिन दुश्मन के हमले का मुंहतोड़ जवाब देंगे. अग्नि सीरीज की मिसाइलों से सेकेंड स्ट्राइक की क्षमता बढ़ जाती है. अग्नि-3 मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने विकसित किया है. यह एक दो स्टेज वाली मिसाइल है, जो सॉलिड ईंधन से उड़ती है. आमतौर पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक में सॉलिड ईंधनों का ही इस्तेमाल होता है. क्योंकि इससे उन्हें ज्यादा गति मिलती है. 

450 KM की ऊंचाई तक जाने की क्षमता

अग्नि-3 मिसाइल अपने टारगेट से अगर 40 मीटर यानी 130 फीट दूर भी गिरती है, तो तबाही 100 फीसदी पक्की है. इसे सर्कुलर एरर प्रोबेबल (CEP) कहते हैं. यह मिसाइल आसमान में अधिकतम 450 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकती है. यानी दुश्मन के सैटेलाइट्स को मारने की क्षमता भी इसमें है. अगर सैटेलाइट को टारगेट बनाया जाए तो.

परीक्षण के दौरान टेकऑफ करती Agni-3 Missile. (फोटोः AFP)

परीक्षण के दौरान टेकऑफ करती Agni-3 Missile. (फोटोः AFP)

उड़ान के बीच बदल सकती है अपना रास्ता 

Agni-3 मिसाइल में रिंग लेजर गाइरोस्कोप इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम लगा है. यानी यह मिसाइल उड़ते समय बीच में रास्ता बदल सकती है. उड़ते समय ही यह इंफ्रारेड होमिंग, राडार सीन कोरिलेशन और एक्टवि राडार होमिंग की मदद से दुश्मन पर हमला करती है. यानी दुश्मन कितना भी भागने की कोशिश करे, उसकी मौत पक्की है. इस मिसाइल का पहला टेस्ट 9 जुलाई 2006 को हुआ था. लेकिन वह असफल था. मिसाइल टारगेट से पहले गिर गई थी. 

2490 KG वजनी हथियार लगा सकते हैं

अग्नि-3 मिसाइल को सुधारा गया. इसके बाद 2007 में फिर परीक्षण किया गया. टारगेट की धज्जियां उड़ा दी गईं. अग्नि-3 मिसाइल भारत की मिसाइलों में सबसे भरोसेमंद, ताकतवर और तेज गति की मिसाइल है. इसमें आप परमाणु बम भी लगा सकते हैं. आग उगलने वाले थर्मोबेरिक हथियार भी लगा सकते हैं. साल 2010 में इसका फिर परीक्षण किया गया था. तब  भी इसने टारगेट पर सटीकता के साथ हमला किया था. इस मिसाइल पर 2490 किलोग्राम वजनी हथियार तैनात किया जा सकता है. साल 2013, 2015, 2017 में भी इसके सफल परीक्षण हो चुके हैं.